आज देशभर में श्री सरस्वती पूजा का धूमधाम से आयोजन किया जा रहा है, जो शिक्षा और कला की देवी मानी जाती है। इस महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व को 'बसंत पंचमी' के रूप में भी जाना जाता है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का संकेत है।
सरस्वती पूजा का आयोजन मुख्य रूप से हिन्दू कैलेंडर के पांचवे महीने, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है। यह साल के विभिन्न हिस्सों में जनवरी और फरवरी के बीच होता है।
इस दिन भगवान सरस्वती की पूजा करने से माना जाता है कि विद्या, बुद्धि, और कला में वृद्धि होती है।
सरस्वती पूजा के दिन विद्यार्थियों और कलाकारों ने अपने अध्ययन और कला के योग्यता को सुधारने का संकल्प लिया है।
इस पूजा के दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष पूजा अर्चना के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
छात्रों ने अपनी पुस्तकों और शिक्षा सामग्री को पूजा का हिस्सा बनाया, जिससे उन्हें उत्साह और आत्मविश्वास मिला।
इस पर्व को मनाने से पहले लोग सरस्वती माता का पूजन एवं आराधना करते हैं और अपने जीवन में बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने का कामना करते हैं।
14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट बजे तक रहेगी। इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
सरस्वती 2024 के उत्सव से संबंधित ताजगीय खबरों के लिए बने रहें हमारे उजियारपुर न्यूज के साथ। जय सरस्वती!