Nipah virus: निपाह वायरस से 12 वर्षीय बच्चे की मौत, संपर्क में आने वाले 17 व्यक्ति को आब्ज़र्वैशन के लिए रखा गया, कोरोना के बाद निपाह का कहर
केरल के कोझीकोड जिलें के एक अस्पताल में भर्ती 12 साल के एक बच्चे की रविवार सुबह निपाह वायरस (Nipah virus) के लक्षणों के साथ अस्पताल में मौत हो गई। चथमंगलम पंचायत के चूलूर के रहने वाले लड़के को 1 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके नमूने, जिसे पुणे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया था, वहां पर लड़के में (Nipah virus) निपाह वायरस होने की पुष्टि की गई। उसके संपर्क में आनेवाले सत्रह व्यक्तियों को निगरानी में रखा गया है और उनका परीक्षण किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की एक टीम केरल भेजी है जहां पर टीम राज्य को तकनीकी सहयोग देगी। निपाह संक्रमण की जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार ने शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई जिसमें स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि मृतकों की प्राथमिक संपर्क सूची में कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, लेकिन उनकी निगरानी की जा रही है। संक्रमित व्यक्ति में “तीन नमूने- प्लाज्मा, सीएसएफ और सीरम- संक्रमित पाए गए है।
उन्हें चार दिन पहले तेज बुखार के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था और शनिवार को उसकी हालत और खराब हो गई। हमने उसके नमूने कल से एक दिन पहले परीक्षण के लिए भेजे थे। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया है कि पड़ोसी जिले कन्नूर और मलप्पुरम सतर्क रहें। अधिकारियों ने जिले में स्वास्थ्य अलर्ट घोषित कर दिया है और मृत बच्चे के घर के आसपास लगभग तीन किलोमीटर की घेराबंदी कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चथमंगलम पंचायत के पझूर वार्ड 09 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
साथ ही नायरकुझी, कुलीमाड, पुथियादम वार्ड के आसपास के वार्डों को आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है। केरल में वायरस के फिर से उभरने के मद्देनजर, केंद्र ने कुछ तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सलाह दी है, जिसमें परिवार, गांव और विशेष रूप से मलप्पुरम में समान स्थलाकृति वाले क्षेत्रों में सक्रिय मामले की खोज शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि उपायों में पिछले 12 दिनों में किसी भी संपर्क के लिए सक्रिय संपर्क अनुरेखण, संपर्कों की सख्त संगरोध और किसी भी संदिग्ध को अलग करना और प्रयोगशाला परीक्षण के लिए नमूनों का संग्रह और परिवहन शामिल है।
केरल में आखिरी बार निपाह वायरस (Nipah virus) 2019 में कोच्चि में सामने आया था। 2018 में, कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में एक प्रकोप ने 17 लोगों की जान ले ली थी। निपाह एक जूनोटिक वायरस है और यह चमगादड़ और सूअर जैसे जानवरों से इंसानों में फैलता है। इस बीमारी की मृत्यु दर बहुत अधिक है और इसका कोई ज्ञात उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। निपाह वायरस के प्राकृतिक मेजबान पटरोपोडिडे परिवार और पटरोपस जीनस के फल चमगादड़ हैं, जो व्यापक रूप से दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाते हैं। संक्रमण आम तौर पर जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। मुख्यतः चमगादड़ और सूअर से; मानव-से-मानव संचरण भी संभव है, और ऐसा ही दूषित भोजन से भी होता है।