Life style: 6 महीने के बच्चे के पास बोलकर पढ़े, इससे आपके बच्चे का शब्द ज्ञान दूसरों के मुकाबले ज्यादा होता है
Life style: बच्चें के शैक्षिक विकास में माता-पिता का योगदान तब से शुरू हो जाता है। जब बच्चा बोलना भी नहीं आता हैं। बच्चा का पहला शिक्षक उसकी माँ मानी जाती है और पिता के व्यवहार का असर बच्चे का आचरण तय करता है। माना गया है कि बच्चा अपने बचपन में जितने ज्यादा वर्ड सुनता है उसका शैक्षिक विकास उतनी ही तेज रफ्तार से होता है।
अपने बच्चे के पास पढ़ना छः महिना स्कूल में डालने के बराबर
अगर माँ – बाप अपने बच्चे के पास बोलकर पढ़ें तो छः महीने स्कूल में डालने के बराबर होता है। ऐसे बच्चे दूसरों बच्चों की तुलना में जल्दी पढ़ना सीख जाता हैं। बच्चे की परवरिश पर हुए एक-दूसरे शोध में बताया गया है कि खुशहाल परिवार में जन्मे बच्चे से अधिक रूप से कमजोर परिवार में अपने बच्चे से करीब 3 करोड़ ज्यादा वर्ड शब्द सुने होते हैं। अगर माँ – बाप अपने बच्चों को खुद होमवर्क करवाते हैं तो यह बिल्कुल सही नहीं है इसे उसकी सीखने की क्षमता में कमी आ जाती है।
बच्चा कमजोर है तो इसमें आपका गलती
बच्चे को अपना होमवर्क खुद करने दे ताकि उनके अध्ययन करने की कोई खास जगह और निश्चित समय हो तो इससे बच्चे में एक तरह की सकारात्मकता ऊर्जा आती है। इक्विटी लिट्रेसी इंस्टिट्यूट के संस्थापक और डेफ़िसिट से आईडियोलॉजी का टर्म देने वाले पॉल गोर्सकी कहते हैं। अगर आपके बच्चे के विकास की रफ्तार धीमी है तो संभव है कि उसकी परवरिश में माँ – बाप कुछ गलती कर रहे हैं, कहा गया हैं ना माँ – बाप के व्यवहार और उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का सीधा असर उसके बच्चों पर पड़ता है। बच्चों के शैक्षिक विकास पर हुए अध्ययनों से यह भी मालूम चला है कि शिक्षक उन बच्चों को ज्यादा काबिल समझते हैं जिनकी भाषा और उच्चारण बेहतर होता है तब भी जब वह वास्तव में काबिल होते ही नहीं हैं।
बच्चे सीख सके इसलिए आप भी कुछ सीखते पढ़ते रहिए
अगर बच्चा मां बाप को पढ़ते दिखता है तो उसकी पढ़ने की इच्छुक करता हैं। बच्चे के पढ़ने और खेलने का टाइम टेबल बना दें। बच्चों की तुलना किसी भी हाल में दूसरे बच्चों से नहीं कीजिए। बच्चों की अच्छी प्रदर्शन करने पर उससे पुरस्कृत जरूर करें। बच्चों को उसके शौक पूरे करने का एक मौका और समय दें और दोस्तों से मिलने दे जितना बड़ा सामाजिक दायरा होगा उतना विकास करेगा। Read more