Janmashtami 2021: जानिए इस बार जन्माष्टमी कब मनाया जाएगा, कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर जन्मोत्सव की तैयारीयां हुई तेज
भारत एवं भारत के साथ साथ कुछ विदेशों में सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहार रक्षाबंधन मनाने के बाद अब जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) का पर्व नजदीक है इसकी जोर शोर से तैयारियां चल रही है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसलिए वर्ष 2021 में यह तिथि 30 अगस्त को पड़ रही है। अष्टमी तिथि 29 अगस्त की रात्री के 11 बजकर 25 मिनट से 30 अगस्त की रात्री 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। 30 अगस्त की सुबह के 6 बजकर 38 मिनट से 31 अगस्त के सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों के द्वारा बताया जा रहा है कि अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग मानते हैं जिसके कारण यह संयोग और भी उत्तम है। द्वापरयुग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस समय भी जयंती योग पड़ा था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ प्राचीन केशवदेव मंदिर, नंदगांव के नंदबाबा मंदिर में भी जन्माष्टमी 30 अगस्त को ही मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्माष्टमी की तिथि में जिस दिन सूर्योदय पड़ता है, उस दिन जन्मोत्सव मनाया जाता है। जबकि प्राचीन केशवदेव मंदिर में Krishna Janmashtami की तिथि शुरू होने के दिन जन्मोत्सव मनाया जाता है।
ऐसी स्थिति में प्राचीन केशवदेव मंदिर में हर साल एक दिन पहले जन्मोत्सव मनाए जाने का रिवाज है। इस बार एक ही दिन अष्टमी तिथि पड़ेगी इसलिए इन दोनों मंदिरों में 30 अगस्त को ही जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ऐसा संयोग विगत वर्ष 2015 और 2001 में भी हुआ था। उधर, नंदगांव के नंदभवन मंदिर में रक्षाबंधन के आठ दिन बाद कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन के आठ दिन बाद ही जन्माष्टमी की तिथि पड़ रही है। इसलिए नंदगांव में भी छह साल बाद 30 अगस्त को ही जन्मोत्सव मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) 30 अगस्त को मनाई जाएगी।
जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
अष्टमी की तिथि 29 अगस्त की रात्री 11 बजकर 25 मिनट से 30 अगस्त की रात 01 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त (Janmashtami Puja Shubh Muhurat) 30 अगस्त की रात्री 11 बजकर 59 मिनट से लेकर देर रात 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। अतः इस प्रकार कृष्ण जन्माष्टमी पूजन करने के लिए लोगों के पास केवल 45 मिनट का समय रहेगी। वही पूजन के समय भगवानकृष्ण को नए वस्त्र पहनाकर, उनका साजो-श्रृंगार करते हैं और झूला सजाकर भगवान को झूला झुलाते हैं। वहीं जन्माष्टमी के दिन देश के कई राज्यों में मटकी फोरने का भी आयोजन करते है और इस दिन को लोग काफी हर्षो उल्लास के साथ मनाते है।