Inspirational stories of success: बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य पूरा करने होंगे, कहानी छत्रपति शिवाजी महाराज की जिन्होंने अपने बिखरे हुए साम्राज्य को फिर से हासिल किया
Inspirational stories of success: ये कहानी है छत्रपति शिवाजी महाराज की, छत्रपति शिवाजी महाराज जिनका साम्राज्य एक वक्त में डोल चुका था. एक वक्त ऐसा आया था कि उनका साम्राज्य उन्हें दोबारा से खड़ा करना था फ़िर से स्थापित करना था और इसी के लिए वो दर-दर भटक रहे थे, जंगलों में भटक रहे थे अलग-अलग रास्तों पर जा रहे थे team खड़ी कर रहे थे. एक वक्त ऐसा आया कि वो जंगल में भटकते-भटकते रास्ता भटक गए और एक झोपड़ी के सामने जा करके पहुंच गए. उन्हें बड़ी जोर कि भूख लगी थी दरवाजा खटखटाया अंदर से वृद्ध महिला निकली, उनको प्रणाम किया और बोले की माताजी बड़ी जोर कि भूख लगी है एक सैनिक आपके दरवाजे पर आया है.
आपकी झोपड़ी में जो कुछ हो पकाकर के खिला दीजिए बड़ी जोर कि भूख लगी है ऊपर वाला आपको आशीर्वाद देगा आपकों सारी खुशियां देगा. वो जो वृद्ध महिला थी अम्मा थी उन्होंने बोला कि अरे चिंता मत करो बैठो तुम्हारे लिए इंतज़ाम होगा. उन्होंने अपनी झोपड़ी में देखा जो कुछ था पका दिया. खिचड़ी पक करके तैयार हो गई, पत्तल में पड़ोसी गई शिवाजी महाराज से उन महिला ने कहा कि आप हाथ धो लीजिए आपके लिए खाना परोस दिया गया है. शिवाजी महाराज हाथ धो करके खाना-खाने के लिए बैठ गए पत्तल उनके सामने है खिचड़ी उसमें रखी थीं, जल्दी में थे भूख लग रही थी फटाफट से खिचड़ी के बीचों-बीच जा करके उंगलियां डाल दी.
खिचड़ी गर्म थी उंगलियां जल गई, बाहर निकाली फूंक मारने लगे और ये देखकर के वो जो महिला थी वो हंसने लगी उन्होंने बोला कि बेटा तुम बिल्कुल शिवाजी की तरह नासमझ हो. तो इन्हें अजीब सा लगा, इन्हें लगा कि शिवाजी क्योंकि ये जितने लोगों को आसपास मिलते थे जानते थे वो सब बोलते थे कि आप बुद्धिमान हैं, सौर्यविर है आप जैसा कोई दुनिया में नहीं हैं. तो इनको अपनी बाराई सुन कर के बड़ा अजीब लगा इन्होंने बोला कि आप क्या बोल रही हो अम्मा? ये आप क्या बोल रही है माता जी? तो वो जो वृद्ध महिला थीं उन्होंने बोला कि बिल्कुल तुम बेटा दिखते भी शिवाजी की तरह हो, तो उन्होंने बोला कि ये तो अच्छी बात है मेरे लिए गर्व कि बात हैं कि मैं शिवा जी की तरह दिखता हूं.
तो उन वृद्ध महिला ने बोला लेकिन बेटा तुम नासमझ भी उसी के तरह हो, जिस तरीक़े से वो हरकते कर रहा है तुम भी वैसे ही कर रहे हो, तुमने खिचड़ी के बीचों-बीच ले जाकर के उंगलियां डाल दी. तुम चाहते तो किनारें से खा सकते थे किनारे वाली खिचड़ी ठंडी हो चुकीं थीं. लेकिन तुमने बीच में जाकर के उंगलियां डाल दी और उंगलियां जल गई, ऐसे ही गलती शिवाजी कर रहा है. शिवाजी बड़े खेलों पर विजय हासिल करना चाहता है छोटे-छोटे-छोटे के लिए छोड़ता चला जा रहा है उसे छोटे-छोटे किलों पर पहले विजय हासिल करनी चाहिए बड़े किलें अपने आप उसके पास आ जाएंगे.
ये बात जैसे ही उन वृद्ध महिला ने बोली उन माता जी की बात सुन करके शिवाजी महाराज को समझ में आ गया कि अब उन्हे क्या करना है? उस दिन उन्हे life की सबसे बड़ी सीख मिली कि जिंदगी में बड़े लक्ष्य एकदम से हासिल नहीं होते है, उसके लिए आपको छोटे-छोटे-छोटे-छोटे goals बनाने होते हैं. अगर आप भी life में कुछ achieve करना चाहते हैं? तो बड़ा target बनाने के वजाए छोटे-छोटे goals बनाइए. अचानक से चार करोड़ की car नहीं आती है, अचानक से overnight success नहीं मिलती, हम देखते हैं कि हमारे आस-पास कई सारे ऐसे Cricketers है, Film Stars है, कई ऐसे celebrities है जिन्हें Overnight success मिल गई है.
हम बोल तो दिए की रातों-रात प्रसिद्ध हो गया, उस रातों-रात प्रसिद्धि के पीछे बहुत सालों की मेहनत है चाहें वो कोई star हो उसने, पता नहीं कितने auditions दिए होंगे, कितनी Short films किए होंगी, कितने छोटे-छोटे roles किए होंगे तब जाकर के उसे वो Film मिली जिसने उसका भाग्य बदल दिया. ऐसे ही Cricketers अगर उन्होंने किसी दिन Triple century लगा दी, तो उसके पीछे पता नहीं कितने दिनों की practice होंगी, कितने दिन तक वो बंदा लगातार मैच खेलने के लिए जाता होगा, कई बार selection नहीं होता होगा वापस आता होगा. तो वो जो छोटे-छोटे goals है उन्हे बनाइए वो छोटे goals जब आप बना लेंगे तो बड़ा goal अपने आप achieve हो जाएगा.