आप भी यूज करते हैं Google Chrome? तो हो जाए सावधान! सरकारी एजेंसी (CERT-In)ने जारी किया अलर्ट
अगर आप भी Google Chrome का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कृपया हो जाए सावधान! आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है क्योंकि सरकारी एजेंसी ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। Google Chrome में मिली त्रुटियों का फायदा हैकर्स उठा सकते हैं। क्रोम ब्राउजर के माध्यम से वो आपके डिवाइस का भी एक्सेस ले सकते हैं।
CERT-In ने Google Chrome को लेकर यूजर्स को किया अलर्ट
CERT-In (the Indian Computer Emergency Response Team) ने Google Chrome काफी पॉपुलर वेब-ब्राउजर है जिसके कारण 90 प्रतिशत लोग Google Chrome वेब ब्राउजर का उपयोग करते है। ऐसे में इस ब्राउजर में मौजूद खामियों के कारण Google Chrome के यूजर्स को चेतावनी जारी की गई है। ये चेतावनी भारत सरकार की एक एजेंसी “इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम” की ओर से जारी की गई है।
Google Chrome डेस्कटॉप या लैपटॉप में यूज करने वालों के लिए अलर्ट
ये अलर्ट Google Chrome डेस्कटॉप या लैपटॉप यूजर्स के लिए जारी की गई है। क्योंकि इसमें कुछ कमियाँ पाई गई है। जिसके कारण हैकर्स आसानी से यूजर्स के कंप्यूटर का एक्सेस गेन कर सकते हैं। इन कमियों के वजह से अटैकर्स सिक्योरिटी रिस्ट्रीक्शन को बायपास कर सकते हैं। आपको बता दें कि CERT-In सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय के अंतर्गत आती है। साइबर एजेंसी ने बताया है कि ये कमियाँ गूगल क्रोम में कई कारणों के कारण मौजूद हैं।
इसका फायदा उठाकर हैकर्स टारगेटेड सिस्टम पर स्पेशली क्रॉफ्टेड रिक्वेस्ट भेज कर उस सिस्टम का एक्सेस गेन कर सकते हैं। इससे अटैकर्स आर्बिटरी कोड एग्जीक्यूट कर सकते हैं। ये टारगेटेड सिस्टम के सिक्योरिटी रिस्ट्रीक्शन को बायपास कर सकता है। (CVE-2022-2856) कमियाँ काफी तेजी से फैल रहा है। हालांकि, एक अच्छी बात ये है कि कंपनी ने जानकारी मिलते ही इन खामियों को फिक्स कर दिया है।
ऐसे रखे अपने Google chrome को सुरक्षित
अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए यूजर्स को अपने गूगल क्रोम ऐप को तुरंत लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट करना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी गूगल क्रोम के पुराने डेस्कटॉप वर्जन का यूज कर रहे हैं तो आप तुरंत इन पैच को अप्लाई कर दें। CERT-In ने इससे पहले Apple iOS, iPadOS और macOS में मिले बग्स को लेकर भी अलर्ट जारी कर चुकी है।
इसका फायदा हैकर्स उठा सकते थे। इन डिवाइस में मिली खामी की वजह से रिमोट अटैकर्स स्पेशली-क्राफ्टेड फाइल को टारगेटेड विक्टिम से ओपन करवा सकते थे। जिसको लेकर यूजर्स को अपने डिवाइस को तुरंत अपडेट करने के लिए कहा गया था। ताकि उनका सिस्टम सुरक्षित रह सके। और पढ़ें।