Bihar News: फसल बचाने के लिए प्रशासन सख्त, पटना में 3436 जानवरों को मारने की मंजूरी
बिहार की राजधानी पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों नीलगाय और जंगली सूअरों का आतंक किसानों के लिए सिरदर्द बन गया है। खेतों में तैयार खड़ी फसल को ये जानवर मिनटों में बर्बाद कर रहे हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब जिला प्रशासन ने किसानों को राहत देने के लिए इन जानवरों के शिकार की अनुमति दे दी है।
पटना जिले में 3436 नीलगाय और जंगली सूअरों को मारने की इजाजत दी गई है। यह फैसला पंचायती राज विभाग के निर्देशों के तहत लिया गया है, जिसमें स्थानीय मुखिया, पंचायत राज पदाधिकारी और जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक के बाद निर्णय हुआ।

कहां सबसे ज्यादा उत्पात?
Bihar News: नौबतपुर प्रखंड की करजा ग्राम पंचायत में सबसे ज्यादा करीब 2000 नीलगायों की मौजूदगी बताई गई है। यहां के किसानों ने 21 नीलगायों का शिकार पहले ही कर लिया है। इसके अलावा पटना सदर के फतेहपुर में 1000, मोकामा प्रखंड के मराची उतरी में 350, दानापुर के सरारी पंचायत में 80 और फतुहा के बारा पंचायत में 4 नीलगायों के शिकार की अनुमति के लिए आवेदन दिए गए हैं।
शिकार पर मिलेगा आर्थिक सहयोग
जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि प्रत्येक नीलगाय या जंगली सूअर को मारने पर 750 रुपये की राशि दी जाएगी। इसके अलावा जानवर को दफनाने के लिए 1250 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। यह कदम फसल सुरक्षा और किसानों के हित में उठाया गया है।

निष्कर्ष
पटना में नीलगाय और जंगली सूअर अब सिर्फ वन्य जीव नहीं, किसानों की आजीविका के दुश्मन बन गए हैं। प्रशासन का यह कदम किसानों को राहत देगा, लेकिन इसे नियमों के तहत और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखकर लागू किया जाएगा।