त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में मुखिया को 25,000, उप मुखिया को 12,500 एवं वार्ड सदस्य को 10,000 रूपए प्रतिमाह वेतन देने एवं आजीवन पेंशन देने की मांग- राजद प्रदेश सचिव
राजद प्रदेश सचिव जवाहर लाल राय ने त्रि-स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को भी सांसद, विधायक की तर्ज पर वेतन, पेंशन तथा अन्य सुविधा देने की मांग प्रेस के माध्यम से करते हुए कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि भी जनता द्वारा ही चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। वार्ड स्तर पर जनता से सीधे जुड़े हुए हैं एवं अपने कार्यकाल एवं कार्यकाल के समाप्त होने के बाद भी जनता के सेवा में रहते हैं।
राजद के प्रदेश सचिव ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2013 में जनप्रतिनिधियों को रु 500 एवं 1250, 2500 का भत्ता तय किया है जो समाज के सबसे निचले पायदान के जनप्रतिनिधियों के साथ मजाक है। इस भत्ता के लिए भी जनप्रतिनिधियों को दो-दो साल तक इंतजार करना पड़ता है। श्री राय ने बताया कि लोकसभा सदस्य, विधानसभा सदस्य, राज्यसभा सदस्यों को अत्याधिक वेतन, आजीवन पेंशन, चिकित्सा सुविधाएं दी जाती है।
लेकिन लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभ पंचायती राज के प्रतिनिधियों को हास्यास्पद भत्ता दिया जाता है। मुखिया को भत्ता के रूप में मात्र ढाई हजार रुपए, उप मुखिया को 1250 रुपए एवं वार्ड सदस्य को मात्र 500 रुपए दिया जाता है। यह अपने आप में अशोभनीय एवं अमर्यादित लगता है। इसलिए मुखिया को 25,000, उप मुखिया को 12,500 एवं वार्ड सदस्य को 10,000 रूपए प्रतिमाह वेतन देने तथा आजीवन पेंशन देने की मांग की है।