समस्तीपुर: पत्रकार विकाश रंजन हत्याकांड में शामिल लोजपा नेता समेत 14 लोगों को दिया गया दोषी करार, भेजा गया जेल
समस्तीपुर जिलें के अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय रोसड़ा के एडीजे प्रथम कोर्ट ने बुधवार को पत्रकार विकास रंजन हत्याकांड में करीब 12 साल बाद फैसला सुनाया है। इस दौरान एडीजे वन राजीव रंजन सहाय ने 14 लोगों को हत्याकांड में दोषी करार दिया है। सभी को हत्या करने की IPC की धारा 302/34, 120 बी व 27 आर्म्स एक्ट की धारा में दोषी करार ठहराया है। दोषी करार दिए जाने के बाद उपस्थित 13 लोगों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।
वहीं अदालत में उपस्थित नहीं होने वाले एक आरोपी मोहन यादव के खिलाफ न्यायालय ने वारंट जारी कर दिया है। बचाव पक्ष से रविंद्र कुमार सिंह, अनिल कुमार व अमृत आनंद ने बहस की। सरकार की ओर से एपीपी राम कुमार ने पक्ष रखा। दोषी पाये गए लोगों में लरझाघाट बिथान निवासी कृष्ण कुमार यादव उर्फ बड़कू यादव, दामोदरपुर रोसड़ा निवासी बब्लू सिंह, महुली रोसड़ा निवासी स्वंभर यादव (लोजपा प्रखंड अध्यक्ष), मोहन यादव, चेरिया बरियारपुर निवासी संतोष आनंद सिंह, बसतपुर हसनपुर निवासी उमाकांत चौधरी, संजीव राय, राजीव राय, रामउदय राय, राजीव रंजन उर्फ गुड्डू, प्रियरंजन उर्फ टिन्नू, विधानचद्र राय, मनोज चौधरी एवं मनेंद्र चौधरी शामिल हैं।
25 नवंबर 2008 को रोसड़ा के युवा पत्रकार विकास रंजन की हत्या उक्त लोगों ने उस समय कर दिया, जब वह गायत्री नगर रोड स्थित कार्यालय से समाचार प्रेषण के बाद अपने घर जा रहे थे। शाम के करीब 7 बजे के आसपास पहले से घात लगाए अपराधियों ने पत्रकार को सिर में गोली मारकर मौत के घाट उतार दी थी। घटना के बाद मृतक पत्रकार के पिता फुलकांत चौधरी ने हत्या के खिलाफ रोसड़ा थाना में कांड संख्या 173/2008 दर्ज करवाई थी। जिसका सुनवाई करीब 12 वर्षों के बाद हुई और 14 लोगों को दोषी करार दिया गया।
हत्याकांड के आरोपियों को दोषी करार दिए जाने पर उनके पिता फुलकांत चौधरी ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि 12 वर्ष बाद अपने बेटे के हत्यारों को सजा होते देख मुझे बहुत खुशी हो रही है। वर्षों प्रतीक्षा करने के बाद कानून ने अपना फैसला सुनाया, व्यवहार न्यायालय ने मेरे बेटे के हत्यारों को दोषी करार देते हुए उन्हें सजा दी है। मृतक के पिता के वकील हीरा कुमारी ने कोर्ट के फैसला सुनाए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि न्यायालय का यह फैसला बिल्कुल सही है और हम सभी का कानून और न्यायालय के प्रति पूरी आस्था और विश्वास रखना चाहिए।