Chandrayaan-3 अपना काम करना किया शुरू, दक्षिणी ध्रुव की सतह के बारे में दुनिया के सामने पहली बार हुआ ये खुलासा
Chandrayaan-3 जैसा की आपको पता है चंद्रयान-3 को ISRO के द्वारा 14 जुलाई 2023 को दो बजकर 35 मिनट पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। जिसके बाद चंद्रयान-3 को पूरे 40 दिनों के बाद सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त को 6 बजकर 4 मिनट पर लैन्डिंग करवाया गया था। जिसके बाद से चंद्रायन-3 को सक्रिय कर दिया गया तब से ये लगातार चीजों के बारे में जानकारी हासिल कर ISRO को भेज रही है।
इसी बीच Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर ने चांद की सतह का तापमान के बारे में पता लगाया है। लैंडर में एक खास तरह का थर्मामीटर चास्टे (ChaSTE) लगाया गया है, जो चांद की सतह के ऊपर और सतह से 10 सेंटीमीटर नीचे तक का तापमान सिर्फ देखकर नाप सकता है, उसे ड्रिलिंग करने की जरुरत नहीं पड़ती है।
ISRO ने चास्टे (ChaSTE) की पहली रिपोर्ट जारी करते हुए ट्वीट कर बताया है की इस विशेष तरह के उपकरण द्वारा चंद्रमा के सतह का तापमान मापा गया है। जिसमें बताया है की चंद्रमा की सतह से ऊपर का तापमान चास्टे द्वारा 50 से 60 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं अगर बात करे चाँद की सतह का तो इस उपकरण के द्वारा सतह एवं सतह से 10 सेन्टमीटर नीचे का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
एक ही समय में एक ही जगह पर इतना ज्यादा तापमान में अंतर होने पर आप समझ सकते है की इंसान का जिन मुश्किल है। चास्टे नामक थर्मामटर को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) और अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) के साइंटिस्ट के द्वारा बनाया गया है।
इसरो ने इसके एक दिन पहले ट्वीट करके कहा था कि चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग हमने करके दिखा दिया है साथ ही रोवर को चलाकर भी दिखा दिया है। अब कुछ in-situ एक्सपेरिमेंट्स ये दोनों मिलकर कर रहे हैं जो अभी अगले 10-11 दिनों तक चलता रहेगा. फिलहाल लैंडर और रोवर के सभी पेलोड्स सही सलामत अपना कार्य कर रहा है।