प्रधानाध्यापक परीक्षा को लेकर बीपीएससी के जारी विज्ञापन में विसंगतियों का राजद ने विरोध दर्ज किया
प्रधानाध्यापक परीक्षा को लेकर बीपीएससी के जारी विज्ञापन में विसंगतियों का राजद ने विरोध दर्ज किया है । राजद पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजीव कुमार राय ने बताया है कि टीइटी शिक्षकों के साथ लगातार सौतेलापन का व्यवहार हो रहा है। पहले तो समय से प्रशिक्षण नहीं दिया गया जब प्रशिक्षण पूर्ण हुआ तो इंडेक्स में घोटाला कर वेतन विसंगति को जन्म दिया गया। आज तक टीइटी शिक्षक इसको लेकर संघर्ष कर ही रहे थे कि प्रधानाध्यापक बहाली को लेकर बीपीएससी ने विज्ञापन जारी कर दिया है। इस विज्ञापन में परीक्षा में बैठने को लेकर ऐसी शर्तें है जिससे टीइटी उत्तीर्ण शिक्षक परीक्षा में बैठने से पूर्व ही अयोग्य हो गए हैं।
राजद नेता ने बताया है कि विज्ञापन में स्पष्ट है कि आठ वर्ष का निरंतर सेवा अनिवार्य है। जिसकी गिनती प्रशिक्षण पूर्ण करने की तिथि से किया गया है। जबकि अधिकतम टीइटी शिक्षकों का सेवा में आए हुए आठ वर्ष नहीं हुआ है। टीइटी- एसटीइटी शिक्षकों के अलग संवर्ग, पेंशन, ग्रेच्युटी, पुरुष शिक्षकों के स्थानांतरण, नव प्रशिक्षित शिक्षकों का अंतर वेतन सहित सभी तरह के अंतर वेतन का अविलंब भुगतान, सेवा निरंतरता एवं वेतन संरक्षण का लाभ, नवचयनित शिक्षको के वेतन भुगतान समेत विभिन्न मांगों को लेकर राजद सड़क से सदन तक कि लड़ाई को तेज करेगा।
राजद के प्रांतीय नेता ने प्रधानाध्यापक की नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन में अनुभव की अवधि कम करने व DPE डिग्रीधारी नियोजित शिक्षकों के नियमावली में बदलाव करने की मांग बिहार सरकार से की है l