सरायरंजन: बालिका शिक्षा से ही होगी समाज में नवयुग का निर्माण- संजीव
सरायरंजन: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 08 सितंबर के अवसर पर जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र, अख्तियारपुर के सभागार में राईट टू एजूकेशन फोरम, समस्तीपुर, बिहार द्वारा आयोजित “बिहार में बालिका शिक्षा की स्थिति” विषयक संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र की कोषाध्यक्ष वीणा कुमारी तथा संचालन संस्था सदस्य ललिता कुमारी नें किया।
इस अवसर पर असंगठित खेतिहर मजदूर पंचायत के संयोजक रविन्द्र पासवान नें कहा कि बिहार जैसे शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रदेश में पहले से हीं महिलाओं का साक्षरता दर कम रहा है। वहाँ इस कोरोना काल में स्कूल बंद रहने के कारण बालिकाओं के समक्ष घोर संकट आ गया है। वह स्कूली शिक्षा से तो वंचित है हीं उपर से बाल विवाह, बाल श्रम और बच्चों के खरीद-फरोख्त का मार भी झेलना पर रहा है।
ग्राम विकास समिति की विभा कुमारी, समाजवादी महिला सभा की किरण कुमारी, प्राथमिक विद्यालय, रायपुर बुजुर्ग की अध्यक्ष सह वार्ड सदस्य फुलकुमारी देवी, पंचायत समिति सदस्य संजीव कुमार, अरूण गिरि, बचपन बचाओ आंदोलन के क्षेत्रीय कार्यकर्ता विजय कुमार चौरसिया, पी सी आई की चैम्पियन पुनिता कुमारी, किशोरी पंचायत की खुशी रानी, अंजलि कुमारी, रानी कुमारी, आनंदशाला कार्यक्रम की युवा प्रेरक शीतल कुमारी और अर्चना कुमारी,
काजल राज, श्रृष्टि राज, मान्या भारती, तनु प्रिया, मनरेगा मजदूर पंचायत की संयोजक संगीता कुमारी, चाइल्ड लाइन सब सेंटर पटोरी से कौशल कुमार, अंजू कुमारी, बलराम चौरसिया, दिनेश प्रसाद चौरसिया, आँगनबाड़ी सेविका पूनम देवी, रेखा कुमारी आदि नें बिहार में बालिका शिक्षा की स्थिति पर अपने महत्वपूर्ण विचारों से अवगत कराया। इस अवसर पर जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के संस्थापक अध्यक्ष गौरी शंकर चौरसिया नें
बताया कि बच्चों के सुरक्षा और संरक्षण तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए नियमित रूप से स्कूली शिक्षा और वह भी बिना किसी भी डर और असुविधा का मिलना चाहिए। यह हम सभी सामाजिक संगठनों, नागरिक समाज और सरकार की जबाब दही बनती है। सभी किशोरियों को उसके 18 वर्ष की आयु तक तथा माध्यमिक स्तर तक नि:शुल्क और जीवन कौशल केन्द्रित शिक्षा मिलना हीं चाहिए। इसके साथ हीं सभी का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आभार व्यक्त किया।