समस्तीपुर जिले को मिला 91 नए डॉक्टर्स, अब मरीजों को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, देखिए किस प्रखंड को कितना डॉक्टर्स मिला
समस्तीपुर जिले में चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने 91 चिकित्सकों की ट्रांसफर समस्तीपुर जिले में की है। पहले से कार्यरत चिकित्सकों के अतिरिक्त नवचयनित चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इसके बाद जिले के अस्पतालों में मरीजों को काफी हद तक परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है। अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने में चिकित्सकों की कमी सबसे बड़ी परेशानी थी लेकिन अब चिकित्सकों की तैनाती के बाद अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने की संभावना दिख रही है।
जिले के अलग अलग अस्पतालों में विभिन्न संख्या में डॉक्टरो की नियुक्ति की गई है जिसमें सदर अस्पताल में 05 चिकित्सकों को तैनात किया गया है। जिसमें से 01 चिकित्सक को SNCU में भी पदस्थापित किया गया है। इसके अलावा व्यवहार न्यायालय एवं टीबी कार्यालय में भी 01-01 चिकित्सक को पदस्थापित किया गया है। सिंघिया प्रखंड में 9 चिकित्सकों को तैनात किया गया है, समस्तीपुर, उजियारपुर, विभूतिपुर एवं मोहिउद्दीनगर प्रखंड में 07-07 चिकित्सकों को तैनात किया गया है।
वही कल्याणपुर में 06 चिकित्सकों को, रोसड़ा, हसनपुर, सरायरंजन एवं मोहनपुर प्रखंड में 05-05 चिकित्सकों को, ताजपुर एवं मोरवा प्रखंड में 03-03 चिकित्सकों को तैनात किया गया है। दलसिंहसराय, पूसा, वारिसनगर एवं शिवाजीनगर में 02-02 चिकित्सकों को, खानपुर, पटोरी एवं मोरवा में 01-01 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। चिकित्सकों की अतिरिक्त नियुक्ति के बाद अब मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना की नौबत नहीं आएगी। पहले में इलाज के नाम पर खानापूर्ति कर यहां रेफर की बन गई थी। नए चिकित्सकों की तैनाती के बाद अब अनुमंडलीय अस्पतालों से लेकर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक में भी मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
सदर अस्पताल में SNCU (Special Newborn Care Units) में भी चिकित्सक का पद खाली था। ऐसे में SNCU में डॉ. राजीव रंजन व डॉ. अदरान अली को नियुक्त कर दिया गया है। वहीं सदर अस्पताल में डॉ. दिव्या रश्मि, राहुल कुमार, चंदन चंद्रा, व्यवहार न्यायालय में डॉ. सोनाली एवं टीबी कार्यालय में डॉ. अभिलाषा रानी की नियुक्ति की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में कुल 91 विशेषज्ञ चिकित्सकों को पदस्थापित किया गया है। चिकित्सकों की तैनाती के बाद अब मरीजों को पहले से और भी अधिक बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिलने की संभावना है।