इस वर्ष मंगला गौरी व्रत 9 दिनों तक मनाया जाएगा, यहां देखें कब से शुरू होगा
सावन मास का प्रथम सोमवारी के दिन मंगला गौरी व्रत 04 जुलाई मंगलवार को रखा जाएगा। इस साल अधिमास के वजह से सावन 59 दिनों का होने वाला है। इस साल 04 जुलाई से सावन की शुरुआत होगी और 31अगस्त को समाप्त हो जाएगी। जिस प्रकार से सावन में पड़ने वाला प्रत्येक सोमवार का बहुत महत्व है उसी प्रकार सावन में पड़ने वाला मंगलवार का भी विशेष महत्व हैं। आपको बता दूं कि सावन में पड़ने वाला सभी मंगलावर को मंगला गौरी व्रत कहा गया है।
मंगला गौरी व्रत क्या है?
मंगला गौरी व्रत माता पार्वती की पूजा एवं अर्चना के लिए जाना जाता है। हिन्दू सभ्यता में लोगों का ऐसा मान्यता है की अगर कोई व्यक्ति संतान प्राप्त करने की इच्छुक है तो इस व्रत को रखने से उसकी मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है। बताया जाता है कि इस व्रत को रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। जिसके कारण सावन महीने में इस ज्यादातर महिलाये इस व्रत को करती है।
इस वर्ष 2023 में सावन 59 दिनों का रहेगा
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इस साल सावन में 09 मंगला गौरी व्रत हैं। पिछले साल 04 से 05 ही मंगला गौरी व्रत पड़े थे। इस बार ज्यादा मंगला गौरी व्रत होने का कारण सावन में अधिमास या मलमास का जुड़ना है। आपको बता दूं कि इस वर्ष 2023 में सावन 59 दिनों का हैं। सावन मंगला गौरी व्रत (अधिमास/मलमास) में निम्नलिखित दिन मनाई जाएगी:-
- 04 जुलाई 2023 पहला मंगला गौरी व्रत हैं।
- 11 जुलाई 2023 को दूसरा मंगला गौरी व्रत है।
- 18 जुलाई 2023 (अधिमास/मलमास) को तीसरा मंगला गौरी व्रत है।
- 25 जुलाई 2023 (अधिमास/मलमास) को चौथा मंगला गौरी व्रत है।
- 01 अगस्त 2023 (अधिमास/मलमास) को पांचवा मंगला गौरी व्रत है।
- 08 अगस्त 2023 (अधिमास/मलमास) को छठा मंगला गौरी व्रत है।
- 15 अगस्त 2023 (अधिमास/मलमास) को सातवां मंगला गौरी व्रत है।
- 22 अगस्त 2023 को आठवां मंगला गौरी व्रत है।
- 29 अगस्त 2023 को नौंवा मंगला गौरी व्रत है।
जानें सावन मंगला गौरी व्रत का महत्व
- सावन में मंगला गौरी व्रत करने से दांपत्य जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- मंगला गौरी पूजा करने से पति की लंबी आयु होती है।
- इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।
- मंगला गौरी व्रत करने से जो लोग संतानहीन होते हैं, उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
सावन मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
सावन में पड़ने वाला मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होता है फिर शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पूजा शुरू कर लें। उसके बाद पति और पत्नी दिनों मिल कर विधि- विधान से माता पार्वती को अक्षत, कुमकुम, फूल, फल, माला के साथ सोलह श्रृंगार की समान या अर्पित कर दीजिए। माता मंगला गौरी व्रत की व्रत कथा सुने और आरती कर पूजा को समापन करें।