भारत-चीन झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, 4 जवानों की हालत गंभीर
गालवन घाटी में भारत और चीन के बीच हुए झड़प में अभी तक 20 जवानों के शहीद होने की जानकारी दी गई है तथा 4 जवानों की हालत बहुत ही गंभीर बताई जा रही है। सोमवार 15 जून रात को गालवन घाटी में दोनों देशों ने आपसी समझौते के लिए बातचीत के लिए राजी हुए थे। लेकिन चीनी सनिकों ने बातचीत करने के बजाय भारतीय सेना के साथ धारदार हथियारों से हमला कर दिया।
इसके बाद दोनों देशों के बीच हुए 3 घंटों की हिंसक लड़ाई में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, 4 जवानों की हालत गंभीर है। चीन के 43 सैनिकों के मरने की खबर आई है पर इसकी पुष्टि चाइना सरकार के द्वारा नहीं किया गया है। भारत के 15 से 20 जवान अभी भी लापता है। बताया जा रहा है की भारत के 15 से 20 सेना अभी भी चीन के कब्जे में है।
चीन एक एक कर भारतीय सेना का शव भेज रहा है:
चीन के कब्जे में भारतीय सेना को चीनी सेना एक एक शव को भारत को सौंप रहा है। दोनों देशों के बीच हुई हिंसक लड़ाई में भारत के जवान नदी में गिर गए थे। कुछ सनिकों को चीनी सेना बंधक बना के अपने सीमा मे ले गया है। वही गालवन घाटी में भारत चीन सीमा पर काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है। सीमा पर चीनी हेलिकॉप्टरों की गतिविधि काफी तेज हो चूकी है।
गोली लगने से 3 जावनों की जान गई:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत के 20 शहीद जवानों में से 3 जवान, गोलियां लगने से शहीद हुए है। भारत के 135 जवान इस हिंसक झरप में घायल हुए है। चीनी सेनाओ ने भारत के 45 सैनिकों को बंधक बनाया जिसमें से 25 जवानों को छोड़ दिया है। अभी भी हमारे 20 से 25 सैनिकों की खबर नहीं मिल पाई है।
शहीद हुए जवानों में से 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल है तथा 2 अन्य नामों की पुष्टि हुई है जिसका नाम हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा है। दिल्ली और गालवन के बीच मात्र 1200 किलोमीटर की दूरी है इसके बावजूद वहां से सूचना आने में घंटों लग रहे है।
विपक्ष का सवाल प्रधानमंत्री से:
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हैन्डल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है की इस भारत चीन के हिंसक लड़ाई पर- प्रधानमंत्री चुप क्यों है? प्रधानमंत्री कहा है? वे कहां छुपे हुए है? हम जानना चाहते है की आखिर क्या हुआ है? हमारे सैनिकों को मारने की चीन की हिम्मत कैसे हुई? चीन की हिम्मत कैसे हुई भारत की जमीन कब्जा करने की?