बिहार मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में बीपीआरओ की बल्ले-बल्ले, पंचायत के हर वार्ड में 20W का 10 LED बल्ब लगाया जाएगा
बिहार सरकार के द्वारा प्रखंड स्तर पर समन्वय समिति में अध्यक्ष एवं सचिव दोनों की जिम्मेदारी को (BPRO) Block Panchayati Raj Officer/प्रखंड पंचायती राज अधिकारी को दिया गया है। (Bihar Mukhyamantri Gramin Street Solar light Yojana) बिहार मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की मानीटरिंग तीन स्तरों पर किया जाना है। इस योजना के तहत पंचायत के हर वार्ड में 10 स्ट्रीट लाइट लगाने की व्यवस्था की गई है। पंचायत स्तर पर मुखिया को 10 स्ट्रीट लाइट लगाने की अतिरिक्त छूट कुछ शर्तों के साथ दिया जाएगा।
बिहार सरकार की तरफ से पंचायत के हर वार्ड में बिजली आपूर्ति वाले पोल पर 20 वाट के 10 LED बल्ब लगाने का विचार किया गया है। ऐसे मुहल्ले जहां पर बिजली के पोल नहीं रहेंगे वहां पर अलग से पोल लगाने का व्यवस्था किया जाएगा है। इसके अलावे पंचायत के मुखिया को पूरे पंचायत में 10 अतिरिक्त सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का अधिकार कुछ शर्तों के साथ दिया गया है। दोनों ही स्ट्रीट लाइट लगाने में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति से सूची को अनुमोदित करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
बिहार मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए राशि का प्रबंध 75 प्रतिशत 15वें वित्त आयोग के अनुदान से एवं 25 प्रतिशत राशि राज्य योजना या राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर किया गया है। सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना (CM Rural Street Light Scheme) को लागू करने के लिए खाका तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस महत्वाकांक्षी योजना की मानीटरिंग करने के लिए राज्यस्तरीय समन्वय समिति, जिलास्तरीय समन्वय समिति और प्रखंडस्तरीय समन्वय समिति बनाई गई है।
पंचायती राज विभाग ने इस योजना को लेकर संकल्प जारी कर ऊसमें बताया है की प्रखंड स्तर पर समन्वय समिति के अध्यक्ष और सचिव दोनों की अहम जिम्मेदारी प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी (BPRO) को दिया जाएगा। पंचायती राज विभाग के द्वारा जारी की गई संकल्प में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया है कि अब प्रखंडों में BPRO को ही कार्यपालक पदाधिकारी पंचायत समिति की अहम जिम्मेदारी से नवाज दिया गया है।
पहले यह जिम्मेदारी प्रखंड विकास अधिकारी (BDO) के पास थी। हालांकि वर्तमान में करीब सौ प्रखंडों में अभी बीडीओ ही पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बता दें कि राज्यस्तरीय समन्वय समिति में विकास आयुक्त को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं पंचायती राज विभाग के निदेशक को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि जिलास्तरीय समन्वय समिति में जिलाधिकारी को अध्यक्ष और जिला पंचायत राज पदाधिकारी को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है।