“जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में पहले सोमवार को 146 मामलों की सुनवाई की गई, इस मोबाईल एप पर आप घर बैठे कर सकते है शिकायत
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच साल बाद एक बार फिर से बिहार में “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम की शुरुआत किया गया। 12 जुलाई को कार्यक्रम के पहले सोमवार को 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 146 आवेदकों की समस्या को लगातार साढ़े पांच घंटे तक चला कार्यक्रम में सुनवाई किया गया। महिना के दूसरे सोमवार को यानि आज के कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा, एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाती एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग, सूचना एवं प्रावैद्यकी विभाग, कला संस्कृत एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग एवं सामान्य प्रसासन विभाग के मामलों पर सुनवाई की गई।
“जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में आज कुल 146 आवेदक उपस्थित हुए जिसमें से 28 महिला आवेदक एवं 118 पुरुष आवेदक शामिल हुए। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले कुछ आवेदक के बारे में भी चर्चा की गई है जिसमें बताया गया है की सीतामढ़ी जिले की रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र की एक महिला शिकायतकर्ता श्रीमती शांति देवी ने मुख्यमंत्री से फरियाद लगाई कि दबंगों ने उनके साथ मारपीट की है इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने डी0जीएपी0 को पूरे मामले पर तुरंत आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये। डी0जी0पी0 ने उस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए थानेदार से बात की और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा।
भागलपुर से आयी छात्रा सुश्री अभिलाषा कुमारी ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने साल 2019 में ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली है और प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण भी हुई है। दो साल का वक्त बीत जाने के बावजूद उसे अभी तक मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इसी तरह की एक और शिकायत दूसरी छात्रा सुश्री आकांक्षा कुमारी ने भी की, उनके मुताबिक उसने साल 2018 में ग्रेजुएशन पूरा किया है लेकिन उसे भी अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिये।
भागलपुर से आए युवक जो कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से सम्मानित कलाकार हैं, अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे। उनका कहना था कि कलाकारों को जो व्यवस्था मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कला, संस्कृति एवं युवा विभाग को इस मामले में कर युचित कार्रवाई के निर्देश दिये। बिजली विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर नाइट गार्ड के तौर पर कार्य करने वाले एक कर्मी ने भी अपनी शिकायत मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उसने कहा कि हड़ताल पर जाने के कारण उसे सेवा से हटा दिया गया। कॉन्ट्रैक्ट पर जिस एजेंसी ने रखा था वह मनमानी कर रही है। मामला श्रम विभाग में भी पहुंचा था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ऐसे लोगों से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई के निर्देश दिये।
इसी तरह के कुल 146 मामलों पर सुनवाई हुई और सबको गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाई करने के निर्देश दिए गए है। यह जुलाई महीने के दूसरा सोमवार था इसीलिए आज स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा, एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाती एवं जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग, सूचना एवं प्रावैद्यकी विभाग, कला संस्कृत एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग एवं सामान्य प्रसासन विभाग के मामलों पर सुनवाई की गई।
अब अगले सोमवार को यानि की महीने के तीसरे सोमवार को फिर से जनता दरबार का आयोजन किया जाएगा जिसमें इन विभाग के मामलों की सुनवाई की जाएगी। जैसे ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, PHED, निगर विकास, जल संसाधन, गन्ना विकास, सहकारिता, भवन निर्माण, लघु जल संसाधन, पशु एवं मत्स्य संसाधन, पथ निर्माण, वन एवं पर्यावरण निर्माण एवं जन संपर्क विभाग से संबंधित मामलों को सुना जाएगा। शिकायतकर्ताओ के लिए एक मोबाईल एप भी लॉन्च किया गया है जिसका नाम है “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” जिससे आवेदक घर बैठे शिकायत दर्ज करवा सकता है और उसकी स्थिति को जान सकता है।