खुशखबरी: बिहार में बन सकता है 03 और नए एयरपोर्ट, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने लिखा पत्र
बिहार में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए काफी खुशी की खबर है। बिहार को जल्द ही मिल सकते है 03 और नए एयरपोर्ट क्योंकि केन्दीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिंया ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर पुराने हवाई अड्डे के विस्तारीकरण और नये एयरपोर्ट के निर्माण के लिए जमीन की मांग संबंधी पत्र लिखा है। अगर सरकार के द्वारा जल्द ही केन्द्र को जमीन उपलब्ध करा दिया जाता है तो बिहार के तीन जिलो मुजफ्फरपुर, रक्सौल और पूर्णिया में नया एयरपोर्ट बनाने का सपना साकार हो जाएगा केन्दीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बिहार के तीनों जगहों पर नये एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया है।
मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट: मुजफ्फरपुर शहर और उसके आसपास के लोगों को काफी दिनों से पताही एयरपोर्ट से हवाई जहाज के उडने का इंतजार रहा है। उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी कहा जाने वाला शहर मुजफ्फरपुर रामायण सर्किट से जुडा हुआ है। जहां पर औद्योगिक, व्यवसायिक और सांस्कृतिक गतिविधियां विद्यमान है। जब नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु थे, उस समय बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा को आश्वासन दिया गया था कि एयरपोर्ट का सर्वे जल्द ही कराया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं अब एक बार फिर से केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट को लेकर दिलचस्पी दिखाई है।
रक्सौल एयरपोर्ट: भारत-नेपाल सीमा से सटे रक्सौल शहर से तीन किलोमीटर दूर स्थित पनटोका पंचायत स्थित सामरिक और व्यवसायिक महत्व रखनेवाला रक्सौल हवाई अड्डा बदहाल हो चुका है। जिसके कारण खाली पड़े भूभाग पर पहले सशस्त्र सीमा बल का कैम्प हुआ करता था आज वहां पर खेती की जा रही है। बताया जा रहा है की 1960 में हवाई अड्डा की परिकल्पना की गई थी और 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय सेना के विशेष लैंडिंग के लिए इसकी शुरुआत की गई। लेकिन बाद में 1968 में एयर सर्विस की शुरूआत भी की गई लेकिन 1970 में घाटे में जाने के कारण और यात्रियों की कमी के वजह से इस सेवा को बंद कर दिया गया और तब से वहां की स्थिति बदहाल है।
पूर्णिया एयरपोर्ट: बंगाल से सटे बिहार के पूर्णिया पूर्णिया जिलें में एयरपोर्ट की मांग लंबे अरसे से लगातार की जा रही है। इसके शुरु होने से सीमांचल के अलावा कोसी कमिश्नरी को भी लाभ मिलेगा। पूर्णिया के रास्ते से नेपाल और बंगाल से व्यापार को बढ़ावा मिल सकेगा। फिहलहाल लोगों को बागडोगरा एयरबेस या दरभंगा एयरपोर्ट के सहारे आवाहजाही करनी पड़ती है। इन दोनों एयरपोर्ट पर दिल्ली से पहुंचने में जितना समय लगता है। उतना ही विमान से उतरने के बाद लोगों को गांव पहुंचने में समय लगता है। इस हिसाब से हवाई सफर के मायने नहीं रह जाते हैं। वैसे पूर्णिया पूर्व उत्तर बिहार का चाय के व्यापार का सबसे बड़ा हब है, जहां पर चाय से लेकर मकई का व्यापार बड़े पैमाने पर होता है।
पूर्णिया में 18 अगस्त 2015 को एयरपोर्ट सेवा बहाल करने की घोषणा उड़ान योजना के तहत पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 52.18 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने के लिए सरकार ने करीब 20.25 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराई थी। लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर पेंच फंस गया जिसके बाद गोआसी के ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिसके बाद एयरपोर्ट का काम अधर में लटक गया। उधर दरभंगा एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अब देखना है की इस बात को लेकर केन्द्र मंत्री ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा है उसपर कितनी जल्दी प्रतिक्रिया दी जाती है।