उजियारपुर: PHED इंजीनियर की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण सुमित्रा देवी की बूढ़ी गन्डक नदी में डूबने से हुई मौत: महावीर पोद्दार
उजियारपुर प्रखंड के अंगारघाट वार्ड संख्या 04 में बूढ़ी गंडक नदी के तटबंध किनारे बसे सैकड़ों दलित, महादलित एवं अल्पसंख्यक परिवार के घरों में बाढ़ का पानी 4 से 5 फीट प्रवेश कर गया था जिसको लेकर भाकपा माले के आन्दोलन के फलस्वरूप तत्कालीन अन्चलाधिकारी सन्जय कुमार महतो एवं अन्गार धाट थाना के ASI बी एन सिंह को स्थल का निरीक्षण करवाया था। निरिक्षण के दौरण जहां पूर्ण मुआवजा देने एवं भाकपा माले प्रखंड सचिव महावीर पोद्दार के माँग की अस्थायी शौचालय निर्माण कराने के लिए अनुमन्डल पदाधिकारी को सूचित किया था।
अनुमंडल पदाधिकारी एवं तत्कालीन अंचलाधिकारी ने उजियारपुर पीएचइडी इंजीनियर को अस्थायी शौचालय निर्माण कराने के लिए आदेश भी दिया था लेकिन जेई गनिता कुमारी की घोर लापरवाही एवं उदासीनता के कारण रविवार की सन्ध्या करीब 6:30 बजे शौच के दौरान 50 वर्षिय सुमित्रा देवी की पैर फिसलने के कारण बूढ़ी गंडक नदी में करीब 50-60 फीट गहरे पानी में गिर जाने के कारण डूबने से मौत हो गई है। भाकपा माले उजियारपुर प्रखंड सचिव महावीर पोद्दार ने बताया कि अगर समय रहते अस्थायी शौचालय निर्माण कराया गया होता तो सुमित्रा देवी की मौत नहीं होता।
इस घटना की सूचना सभी पदाधिकारियों को महावीर पोद्दार ने दिया। उनके पहल पर थानाध्यक्ष अंगारघाट प्रेम प्रकाश आर्य एवं अंचलाधिकारी उजियारपुर अजित कुमार झा ने घटना पर त्वरित संज्ञान लेते हुए एसडीआरएफ टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर मॄतक के शव की खोजबीन शूरू कर दिया है।
मौके पर भाकपा माले प्रखंड सचिव महावीर पोद्दार, मुखिया पति रमेश शर्मा, पूर्व मुखिया अनसार अहमद, पन्सस धीरेन्द्र कुमार वर्मा, सरपंच पति महेश चौरसिया, समीम मन्सूरी, हरिकान्त गिरि, चन्दन कुमार सहनी, धर्मेन्द्र सहनी, सुरेश सहनी, मन्जू देवी, पिन्की देवी, नूनूवति देवी, रीता देवी सहित बड़ी संख्या में कई लोग मौजूद थे।