उजियारपुर: कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा के द्वारा पौधारोपण एवं अन्य योजनाओ में धांधली कर लाखों रुपए का किया गया गबन- राजीव कुमार
उजियारपुर राजद प्रधान महासचिव राजीव कुमार गुप्ता ने उजियारपुर कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा के द्वारा पौधारोपण एवं अन्य योजनाओ में धांधली कर लाखों रुपए का गबन करने का आरोप लगाते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा उजियारपुर पर उच्चस्तरीय जांच करवाने को लेकर मुख्य सचिव बिहार सरकार पटना को एक आवेदन लिखा गया है। जिसमें इन्होंने कार्यक्रम पदाधिकारी के द्वारा की जा रही धांधली को लेकर वरीय पदाधिकारियों से जांच करवाने की मांग की है।
इन्होंने आवेदन के माध्यम से बताया है की प्रखंड उजियारपुर के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी एवं अन्य कर्मीयो के द्वारा भारी पैमाने पर योजनाओ में अनियमितता बरती जा रही है। वैसे मानव दिवस सृजन में उजियारपुर प्रखंड जिलें में अव्वल स्थान पाता है लेकिन वास्तविक रूप से इन योजनाओ के लाभ न ही सामान्य जनता को मिलता है, ना ही मजदूरों को मजदूरी मिल पाता है और फर्जी तरीके से इनलोगों के द्वारा राशि निकाल ली जाती है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 45 योजना विभिन्न पंचायत में चलाया गया जिसमें कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा प्रत्येक योजना के एवज में 70,000 रुपये की एक मुश्त राशि गैवीयन के नाम पर कर लिया गया जबकी जमीनी स्तर पर कही भी गैबियन( बाँसों का घेरा) नहीं है। कई जगहों पर पौधा लगाया ही नहीं गया फिर भी वहां के नाम पर पौधा खाद्य मजदूरी इत्यादि की राशि का भुगतान कर लिया गया। इस प्रकार केवल गैबियन घेर के नाम पर कार्यक्रम पदाधिकारी ने नियमों को ताख पर रखकर कुल 31,50,000 इकत्तीस लाख पचास हजार रुपए की एक मुश्त राशि निकासी कर ली गई।
उपरोक्त निकासी के विरुद्ध उपविकास आयुक्त समस्तीपुर द्वारा अपने पत्रांक 1758 दिनांक 17/07/2019 से प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को एक मुस्त राशि निकासी के लिए आवश्यक कारवाई हेतु निर्देशित किया गया की चार किश्तों में गैबियन का भुगतान किया जाए परंतु आपने एक ही बार में भुगतान किया है जो बिलीय अनियमितता का द्योतक को प्रदर्शित करता है। उनके द्वारा अपने कार्यालय उपरोक्त तथ्यों के अवलोकन से परिलक्षित होता है की प्रखंड मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा सरकारी राशि का गबन किया गया है।
अन्य वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 कार्यों की भी जांच की जा सकती है जिनसे की अन्य घोटालों को भी उजागर किया जा सकें। घोटाला करने के उद्देश्य से कार्यक्रम पदाधिकारी लेखापाल को प्रत्येक छः महीने पर बदलते रहते है। BFT को प्रखंड कार्यालय में पैसे के लेनदेन करने हेतु रखते है ताकि रिश्वत के पैसों को लिया जा सकें। गैबियन का पौधा एक ही नर्सरी से खरीदा जाता है जो कार्यक्रम पदाधिकारी के रिश्तेदारों का है जहां से ये कम दाम पर खरीद कर मोटी कमाई की जाती है। राजीव कुमार ने इस तरह से हो रही भ्रष्टाचार को रोकने एवं भ्रष्ट पदाधिकारी एवं कर्मचारी से राशि वसूलने एवं अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है।