बिहार: नीतीश सरकार का फैसला, अब वार्ड मेंबर करेंगे नल-जल की देख-रेख, प्रत्येक वार्ड मेंबर को मिलेगा 5,000 रुपया वेतन
नल-जल की देख-रेख: बिहार में हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत अभी तक वार्ड सभा के द्वारा चयनित किए गए व्यक्ति के द्वारा नल जल का अनुरक्षण किया जा रहा था जिसमें काफी अनियमितता देखने को मिल रही थी। इसलिए अब नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया है की हर घर नल का जल योजना के तहत जारी की गई नल-जल की देख रेख संबंधती वार्ड मेंबर के द्वारा ही किया जाएगा जिसके लिए प्रत्येक वार्ड मेंबर को 5 हजार रुपए की सैलरी प्रदान की जाएगी।
पेयजल का दुरुपयोग करने पर देना होगा दंड
इस योजना के तहत उपभोक्ताओ को दी जा रही है पेयजल का दुरुपयोग करने पर ग्राम पंचायत के द्वारा दंड भी लिया जा सकता है। अगर कोई उपभोक्ता पहली बार जल का दुरुपयोग करते पकड़ा जाता है तो उसे डेढ़ सौ 150 रुपया का दंड देना पड़ सकता है। वही गलती फिर से दुबारा करते हुए पकड़ा जाता है तो फिर उपभोक्ता से 400 रुपया दंड लिया जा सकता है।
तीसरी फिर से गलती को दुहराते हुए पकड़ा जाता है तो पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है फिर भी अगर गलती करता है तो उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। दुबारा कनेक्शन लेने पर 300 रुपये का चार्ज देना पड़ेगा साथ ही अगर कोई व्यक्ति अगर नल जल के पाइप में अपना मोटेर जोड़ता है तो उक्त व्यक्ति से पांच हजार का जुर्माना लेते हुए उसका मोटर भी जब्त कर लिया जाएगा।
नल जल दीर्घकालीन अनुरक्षण नीति के तहत लिया गया निर्णय
मंगलवार को की गई राज्य कैबिनेट की बैठक में नल जल योजना को दीर्घकालीन अनुरक्षण नीति के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के द्वारा बताया गया है की पहले से वार्ड मेंबरों को पांच सौ रुपया महिना दिया जा रहा है लेकिन अब अतिरिक्त अनुरक्षक यानि की देख रेख की जिम्मेवारी लेने के बाद बिहार के प्रत्येक वार्ड मेंबर को दो हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा।
साथ ही साथ नल जल उपभोक्ताओ से 30 रुपया प्रति महिना का शुल्क जो प्राप्त होगा उसका 50 प्रतिशत वार्ड मेंबर सैलरी में ऐड कर दिया जाएगा। औसतन प्रत्येक वार्ड में 200 घर है जिनसे अगर 30 रुपये की शुल्क ली जाती है तो प्रत्येक महिना कुल 6,000 रुपये एकत्रित होगी जिसमें से इसका 50 प्रतिशत वार्ड मेंबर के सैलरी में ऐड करके कुल 5,000 रुपये वार्ड मेंबर को सैलरी के रूप में प्राप्त होगा और शेष 50 प्रतिशत बची हुई राशि का इस्तेमाल नल जल में किसी भी तरह की समस्याओ को दूर करने में किया जाएगा।
इसके बाद अगर योजना का संचालन अच्छे ढंग से नहीं होता है तो फिर वार्ड मेंबर के मानदेय में कटौती कर ली जाएगी। साथ ही साथ दीर्घकालीन अनुरक्षण नीति में यह भी कहा गया है की पाइप लीकेज और खराब मोटर की शिकायत को 24 घंटे के अंदर-अंदर वार्ड प्रबंधन के द्वारा दूर किया जाएगा एवं अन्य बड़ी गड़बड़ी को तीन से पांच दिन के अंदर-अंदर दूर करना अनिवार्य है। उपभोक्ता के द्वारा शिकायत करने के बाद अगर समस्या का समाधान नहीं किया जाता है तो वार्ड मेंबरों की मानदेय में कटौती कर लिया जाएगा।